इस विषम काल में मात्र कन्याओं के विवाह की ही समस्या नहीं है, बल्कि लड़कों के लिए भी है। उचित कुल, शील, स्तर एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के दृष्टिकोंण में... Read more »
शहरी जीवन में अति व्यस्थ दिनचर्या के कारण मुख्यतः 30 की उम्र में ही हाई पर टेंशन नाम रोग शुरू हो जाता है। इसका नाम रोग शुरू हो जाता... Read more »
गर्भाशय कैन्सर का उपचार विश्व की सर्वाधिक प्राचीन चिकित्सा व्यवस्था का ऋग्वेद में उल्लेख है, जिसमें भी कैन्सर की शल्य क्रिया, औषधी उपचार का वर्णन है । विज्ञान की... Read more »
पुष्टि अर्थात् पालन-पोषण,परवरिश, पक्षपोषण संवर्द्धन, समृद्धि आदि। मीमांसा अर्थात् गहन विचार, तत्व निर्णय, परीक्षण आदि। पुष्टि मीमांसा पत्रिका-भारतीय संस्कृति में वेद वेदांग एवं पुष्टि मार्ग को नये रूप् में... Read more »
स्वाध्याय स्व से मिलता हैं स्वाध्याय का शाब्दिक अर्थ स्व $ अध्ययन से है स्वाध्याय एक महान गुण है। ’द्रव्यज्ञास्तपोयज्ञा योगयज्ञास्तथपरे। स्वाध्यायज्ञानयज्ञाश्च यतयः संशित व्रताः।। श्री कृष्ण कहते है... Read more »
जिस प्रकार देवताओं में पुरूषोŸाम सर्वश्रेष्ठ हैं। वैसे ही तीर्थों में पुष्कर आदि तीर्थ है – यथा सुराणां सर्वेषामादिस्तु पुरूषोŸामः। तथैव पुष्करं राजंस्तीर्थानामादिरूच्यते।। इसे सिद्धतीर्थ माना गया है। कहते... Read more »
अग्नि पुराण के दो सौ तीसवें अध्याय में यात्रा के समय होने वाले शुभाशुभ शकुनों का विस्तार से वर्णन किया गया है। पुष्कर और परशुराम संवाद के साथ में... Read more »
”सकल सृष्टि संगीत समाई, यही साधना, यही कमाई” ऐसे ही चरित्र के धनी पं. मोतीलाल जी रंगा का जन्म 25 दिसम्बर 1927, रविवार को राजस्थान के कानेर शहर में... Read more »
अेक समय राजां युधिस्ठिर भगवान स्री किरसण जी सूं परसन करयो कै है जनारदन दान अ’र यग्य बो किसो पुण्य है जिके रे करने सूं राज्य री पिराप्ति होवे... Read more »
शंकर का अर्थ है- कल्याण करने वाला। अतः भगवान् शंकर का काम केवल दूसरों का कल्याण करना है। जैसे संसार में लोग अन्नक्षेत्र खोलते हैं, ऐसे ही भगवान् शंकर... Read more »